विज्ञान
रासायनिक अभिक्रिया :-
रासायनिक अभिक्रिया क्या है :- किसी किसी भी पदार्थ में जब परिवर्तन होता है तो तो यह है दो प्रकार का
परिवर्तन होता है। पहला भौतिक परिवर्तन जिसमें पदार्थ के परिवर्तन के पश्चात पदार्थ
को वापस उसी अवस्था में लाया जा सकता है। तथा दूसरा रासायनिक परिवर्तन जिसमें पदार्थ
को रासायनिक गुणों में परिवर्तन किया जाता है। इसमें पदार्थ को वापस उसी अवस्था में
प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
रासायनिक
अभिक्रिया में एक या अधिक पदार्थ आपस में अन्तर्क्रिया (इन्टरैक्शन) करके परिवर्तित
होते हैं और एक या अधिक भिन्न रासायनिक गुण वाले पदार्थ बनते हैं। किसी रासायनिक अभिक्रिया
में भाग लेने वाले पदार्थों को अभिकारक (रिएक्टैन्ट्स) कहते हैं। अभिक्रिया के फलस्वरूप
उत्पन्न पदार्थों को उत्पाद (प्रोडक्ट्स) कहते हैं।
2H2 + O2 → 2H2O
(यहाँ हाइड्रोजन
और ऑक्सीजन एक रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेकर एक नए गुणधर्म वाले पदार्थ का निर्माण
करते है जो जल (H2O) है|)
दुसरे शब्दों
में हम कह सकते है कि रासायनिक परिवर्तन को रासायनिक अभिक्रिया भी कहते है| हमारे आस-पास
ऐसी बहुत सारी परिवर्तनें होती रहती है।
रासायनिक
परिवर्तन :- ऐसा परिवर्तन जो किसी पदार्थ
के रासायनिक गुणों में परिवर्तन करता है। कथा इस प्रकार के परिवर्तन में पदार्थ को
वापस उसी अवस्था में प्राप्त नहीं किया जा सकता है। रासायनिक परिवर्तन कहलाता है।
रासायनिक
परिवर्तन के गुण :- रासायनिक परिवर्तन के निम्न
गुण है-
- इस प्रकार के परिवर्तन में
सामान्यतः पदार्थ के रासायनिक गुणों में परिवर्तन होता है।
- रासायनिक परिवर्तन के पश्चात
पदार्थ को पहले वाले अवस्था में प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
- यह एक स्थाई परिवर्तन है।
- रासायनिक परिवर्तन के पश्चात
एक नया पदार्थ का निर्माण होता है।
- उदाहरण जैसे दूध से दही जमना,
लोहे पर जंग लगना इत्यादि।
- वायु के संपर्क में आने से
जंग का लगाना
- अंगूर के रस का किण्वन
- भोजन का पकना
- हमारे शारीर में भोजन का पचना
- हम जो श्वसन करते है
रासायनिक अभिक्रिया की पहचान
:-
रासायनिक
अभिक्रिया की पहचान करना ताकि यह पता लगाया जा सके कि अभिक्रिया सम्पन्न हुई है जब
कोई अभिक्रिया संपन्न होती है तो उसे निम्न चिन्हों से पहचाना जाता है
जैसे :
- पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन
- रंग में परिवर्तन
- गैस का निष्कासन
- ताप में परिवर्तन
रासायनिक समीकरण :-
जब एक मैग्नीशियम
रिबन को वायु में जलाया जाता है तो यह मैग्नीशियम ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है|
यह एक रासायनिक अभिक्रिया के लिए कथन है, परन्तु इसे निम्न तरीके से लिखा जा सकता है|
मैग्नीशियम
+ ऑक्सीजन → मैग्नीशियम ऑक्साइड
(अभिकारक) (उत्पाद)
नोट :- इस प्रकार समीकरणों को लिखना शब्द समीकरण कहलाता है रासायनिक अभिक्रिया को
लिखने का दूसरा तरीका है
Mg + O2
→ MgO
रासायनिक
समीकरण को लिखने का सांकेतिक तरीका है किसी रासायनिक अभिक्रिया के समीकरणों के दो भाग
होते है|
1. अभिकारक :- वे पदार्थ जो किसी अभिक्रिया में भाग लेते है अभिकारक कहलाते है जैसे - ऊपर के समीकरण में मैग्नीशियम एवं ऑक्सीजन अभिक्रिया में भाग लेते है इसलिए ये दोनों अभिकारक है|
2. उत्पाद :- किसी अभिक्रिया के दौरान नए बनने वाले पदार्थों को उत्पाद कहते है जैसे - MgO उत्पाद है जो Mg और O2 के भाग लेने से नया पदार्थ बना है|
रासायनिक समीकरणों को लिखना
:-
रासायनिक
समीकरण एक रासायनिक अभिक्रिया को प्रदर्शित करता है इसलिए रासायनिक समीकरण में तीर
के निशान के बायीं ओर अभिकारकों को लिखा जाता है और उनके बीच में (+) चिन्ह लगाया जाता
है, इसीप्रकार तीर के दाई ओर उत्पादों को लिखा जाता है और उनके बीच (+) चिन्ह लगाया
जाता है|
इसको समझिये :
कंकाली रासायनिक समीकरण :- Mg + O2 → MgO
इस समीकरण को निरीक्षण कीजिए एवं तीर के बायीं ओर और दायीं ओर के परमाणुओं की संख्या को गिनिए| प्रत्येक तत्व के दोनों ओर के अणुओं की संख्या समान नहीं है| ऑक्सीजन के परमाणुओं की संख्या थोड़ी असंतुलित है| बायीं ओर ऑक्सीजन के दो अणु है जबकि दायीं ओर सिर्फ 1 ही है|
इस प्रकार
:- असंतुलित रासायनिक समीकरण को कंकाली समीकरण कहते है
कंकाली रासायनिक
समीकरणों को संतुलित करना :- द्रव्यमान
संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए रासायनिक समीकरणों को संतुलित किया जाता है
तीर के बाई ओर तथा दाई ओर ओर के तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान किया जाता है जिससे
दोनों ओर के तत्वों के परमाणु समान हो सके
रासायनिक अभिक्रियाओं के
प्रकार :- रासायनिक अभिक्रियाओं में अणुओं के बीच बंध का बनने और टूटने से नए पदार्थ
का निर्माण होता है| जैसे जल के अणुओं के टूटने से ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन उत्पन्न होते
हैं जबकि कार्बन तथा ऑक्सीजन के बीच बंध बनने से कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त होता है|
रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्न प्रकार की होती है|
· संयोजन अभिक्रिया
· वियोजन या अपघटन अभिक्रिया
· विस्थापन अभिक्रिया
· द्वि-विस्थापन
· उपचयन एवं अपचयन
1. संयोजन अभिक्रिया :- वह अभिक्रिया
जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारकों से एक एकल उत्पाद का निर्माण होता है तो ऐसी अभिक्रिया
को संयोजन अभिक्रिया कहते है इस अभिक्रिया के लिए समान्य सूत्र : A + B → AB
CaO(s) + H2O(l) → Ca(OH)2(aq)
कैल्शियम ऑक्साइड जल कैल्शियम हाइड्रोऑक्साइड
(चुना) (बुझा हुआ चुना)
परिभाषा के
अनुसार रासायनिक समीकरण से तुलना करने पर हम देखते है कि कैल्शियम ऑक्साइड और जल जो
दो अभिकर्मक है एकल उत्पाद कैल्शियम हाइड्रोऑक्साइड बनाते हैं|
कैल्शियम हाइड्रोऑक्साइड Ca(OH)2 :- कैल्शियम हाइड्रोऑक्साइड का उपयोग दीवारों पर सफेदी करने के लिए किया जाता है यह एक अवक्षेपण अभिक्रिया है जब कैल्शियम हाइड्रोऑक्साइड से दीवारों पर पुताई की जाती है तो यह वायु में उपस्थित CO2 से अभिक्रिया करके कैल्शियम कार्बोनेट का एक पतला परत बनाता है और इसके साथ जल (H2O) का भी निर्माण होता है जो वाष्पीकृत हो जाता है इस प्रक्रिया का समीकरण इस प्रकार है|
Ca(OH)2(aq) + CO2(g) → CaCO3(s) + H2O(l)
कैल्शियम
कैल्शियम
हाइड्रोऑक्साइड
कार्बोनेट
अन्य संयोजन
अभिक्रिया को देखते है :-
a. कोयले का जलना :- C(s) + O2 (g) → CO2(g)
b. जल का बनना :- 2H2(g)
+ O2(g) → H2O(l)
c. सल्फर डाइऑक्साइड का बनना :- S(s) + O2(g) → SO2(g)
d. जंग का लगना (फेरस ऑक्साइड का बनना) :- S(s) + O2(g) → SO2(g)
ऊष्मा के आधार पर रासायनिक
अभिक्रिया के प्रकार :-
A. ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ :- वे अभिक्रियाएँ
जिसमें अभिक्रिया के दौरान ऊष्मा निकलती है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाती हैं उदाहरण:
a. CH4(g) + 2O2(g)
→ CO2(g) + 2H2O(g)
b. श्वसन भी एक ऊष्माक्षेपी
अभिक्रिया का उदाहरण है जिसमें कोशिकाएँ श्वसन के दौरान ऊष्मा मुक्त करती है|
c. शाक सब्जियों या सड़े - गले घास - फूस
या पेड़ों के पत्तों का विघटन होकर कम्पोस्ट का बनना|
B. ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ :- वे अभिक्रियाएँ जिसमें ऊष्मा का शोषण होता है| ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहलाती हैं| उदाहरण:
a. Ba(OH)2 + 2NH4Cl → BaCl2 + 2NH4OH
1. वियोजन या अपघटन अभिक्रिया :- वे अभिक्रियाएँ
जिनमें एकल अभिकारक वियोजित विघटित होकर दो या अधिक उत्पादों का निर्माण करता है विघटन
अभिक्रियाएँ कहलाती है विघटन अभिक्रियाएँ तीन प्रकार के होती है
1. विस्थापन अभिक्रिया :- ऐसी अभिक्रियाएँ जिसमें अधिक अभिक्रियाशील पदार्थ कम अभिक्रियाशील पदार्थ को उसके यौगिक से अलग कर देता है विस्थापन अभिक्रिया कहलाती हैं
उदाहरण
1:
Fe(s) + CuSO4(aq) → FeSO4(aq) + Cu(s)
(कॉपर सल्फेट) (फेरम
सल्फेट)
यहाँ लोहा कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील पदार्थ है जो अपने से कम अभिक्रियाशील
कॉपर को उसके यौगिक कॉपर सल्फेट से अलग कर देता है इस अभिक्रिया में कॉपर सल्फेट का
रंग नीला होता है परन्तु जैसे ही लोहे की कीलें विलयन में डालते है तो कॉपर के विस्थापन
के कारण विलयन का रंग नीला से भूरा हो जाता है
उदाहरण 2:
Zn(s) + CuSO4(aq) → ZnSO४(aq) + Cu(s)
(कॉपर सल्फेट) (जिंक
सल्फेट)
उदाहरण 3:
Pb(s) + CuCl2(aq) → PbCl2(aq) + Cu(s)
उदाहरण 2 तथा 3 में जिंक तथा लैड दोनों तत्वों ने कॉपर को अभिक्रिया में उसके
यौगिक से विस्थापित कर देते है ऐसा इसलिए है क्योंकि कॉपर जिंक तथा लैड दोनों से कम
अभिक्रियाशील है
1. द्वि-विस्थापन अभिक्रिया :- ऐसी अभिक्रिया जिसमें अभिकर्कों के बीच आयनों का आदान - प्रदान होता है द्वि - विस्थापन अभिक्रिया कहलाता है
द्वि-विस्थापन अभिक्रिया के लिए सामान्य सूत्र (Ab + Cd → Ad + Cb)
उदाहरण:
· Na2SO4 + BaCl2 → BaSO4 + 2NaCl
· NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + H2O
· NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
· BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCl
· BaCl2 + KSO4 → BaSO4 + KCl2
5. उपचयन एवं अपचयन अभिक्रिया :-
उपचयन :- किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की
वृद्धि अथवा हाइड्रोजन का ह्रास होता है अथवा
दोनों हो तो इसे उपचयन कहते हैं
उपचयन
का उदाहरण:
ऑक्सीजन में वृद्धि के लिए-
(i)
[कार्बन में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है और यह कार्बन डाइऑक्साइड में उपचयित
होता है]
(ii)
(III) [फोस्फोरस में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है एवं यह फोस्फोरस पेंटाऑक्साइड में उपचयित होता है]
[इसमें कॉपर में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है और यह कॉपर ऑक्साइड में उपचयित होता है] हाइड्रोजन का ह्रास:
उपचयन का उदाहरण:
(i)
[सल्फर हाइड्राइड से हाइड्रोजन का ह्रास होता है और उपचयित होता है]
next coming soon ..................................